8th Pay Commission Latest News: देशभर के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बड़ी खबरें सामने आ रही हैं। इस आयोग को लेकर चर्चाएँ लगातार तेज हो रही हैं, लेकिन अब तक इसका कामकाज शुरू नहीं हो पाया है। ऐसे में कर्मचारियों के मन में कई सवाल हैं—आखिर देरी का कारण क्या है और इसका असर वेतन पर कैसे पड़ेगा?
8वें वेतन आयोग की शुरुआत में देरी क्यों?
सरकार ने इस साल की शुरुआत में आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी थी, लेकिन अब तक न तो आयोग का अध्यक्ष नियुक्त हुआ है और न ही इसके सदस्य तय किए गए हैं। इसी कारण आयोग का कामकाज शुरू नहीं हो सका है। साथ ही, आयोग का टर्म्स ऑफ रेफरेंस यानी कार्य की रूपरेखा भी तय नहीं की गई है। जब तक ये सभी प्रक्रियाएँ पूरी नहीं होतीं, तब तक आयोग अपनी रिपोर्ट तैयार करना शुरू नहीं कर सकता।
रिपोर्ट तैयार होने में कितना समय लगेगा?
अगर पिछले वेतन आयोगों के अनुभव देखें तो किसी भी आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने में लगभग डेढ़ साल का समय लगता है। छठे और सातवें वेतन आयोग ने भी अपनी सिफारिशें लगभग इसी अवधि में सरकार को सौंपी थीं। रिपोर्ट तैयार होने के बाद सरकार को उसकी समीक्षा और स्वीकृति में भी 6 से 8 महीने लग जाते हैं। यानी पूरा प्रक्रिया लगभग दो साल तक खिंच सकती है।
कब से लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग?
वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार, अगर सभी औपचारिकताएँ तय समय पर पूरी हो जाती हैं, तो आठवें वेतन आयोग की सिफारिशें 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत तक लागू की जा सकती हैं। इससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन में 30% से 34% तक की वृद्धि संभव है। इससे देशभर में एक करोड़ से अधिक लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।
देरी से कर्मचारियों को होगा क्या नुकसान?
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आयोग लागू होने में देरी होती है, तो भी कर्मचारियों को नुकसान नहीं होगा। सरकार आमतौर पर वेतन में हुई देरी की भरपाई एरियर (Arrear) के रूप में करती है। जैसे हाल ही में महंगाई भत्ता (DA) जुलाई से लागू किया गया, लेकिन घोषणा सितंबर में हुई, और सरकार ने बकाया महीनों की राशि एक साथ दी। इसी तरह, 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर भी पिछली अवधि का वेतन एरियर के रूप में दिया जाएगा।
निष्कर्ष
आठवां वेतन आयोग कर्मचारियों के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आ सकता है, लेकिन फिलहाल इसकी प्रक्रिया धीमी है। जब तक अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त नहीं हो जाते, कोई ठोस प्रगति संभव नहीं है। हालांकि, देरी से घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि सरकार आम तौर पर बकाया राशि के रूप में कर्मचारियों को पूरा लाभ देती है। उम्मीद है कि 2026-27 तक इसका असर सीधे वेतन और पेंशन में देखने को मिलेगा।