Govt Employees News Today: केंद्र सरकार ने लंबे समय से लंबित एक ऐसे फैसले को मंजूरी दी है, जिससे करोड़ों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार ने केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत दो हजार से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं और जांचों की नई दरें जारी की हैं। यह बदलाव करीब 15 साल बाद किया गया है और 13 अक्टूबर 2025 से लागू होगा।
कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत
इस फैसले से लगभग 46 लाख सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी राहत की सांस लेंगे। लंबे समय से शिकायत थी कि अस्पतालों में इलाज की पुरानी दरें आज के खर्चों के हिसाब से बहुत कम हैं। इसके कारण कर्मचारियों को कैशलेस इलाज में परेशानी होती थी और कई बार अपनी जेब से भारी रकम चुकानी पड़ती थी। नई दरें लागू होने के बाद अब इलाज का भुगतान सीधे योजना के माध्यम से होगा और मरीजों को तुरंत सुविधा मिलेगी।
नई गाइडलाइन से सुपर स्पेशलिटी इलाज में सुधार
सरकार द्वारा जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक अब एनएबीएच मान्यता प्राप्त सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों में इलाज की कीमतें 50% तक बढ़ाई गई हैं। पहले जहां किसी गंभीर इलाज की लागत 1 लाख रुपये थी, अब वह करीब 1.15 लाख रुपये होगी। इस बदलाव से खासकर न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी जैसे उच्च स्तरीय इलाजों में पारदर्शिता और गुणवत्ता बढ़ेगी। निजी अस्पतालों को भी अब उचित दरों पर सेवाएं देने में राहत मिलेगी।
पुराने पैकेजों में 15 साल बाद संशोधन
पिछली बार CGHS के पैकेज रेट में संशोधन 2014 में हुआ था। इसके बाद लगातार मांग उठ रही थी कि स्वास्थ्य क्षेत्र में बढ़ती लागत के अनुसार दरों को अपडेट किया जाए। केंद्रीय कर्मचारी संघ ने हाल ही में सरकार को ज्ञापन देकर कैशलेस सुविधा और दरों में सुधार की मांग की थी। सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए नया फैसला लिया है। अब इस योजना में 2000 से अधिक मेडिकल ट्रीटमेंट और जांचें शामिल की गई हैं।
अस्पतालों और शहरों की श्रेणी के अनुसार दरें तय
नई दरें अब शहरों और अस्पतालों की श्रेणी के अनुसार लागू होंगी। टियर-1 शहरों में बेस रेट पर सेवाएं दी जाएंगी, जबकि टियर-2 शहरों में 19% और टियर-3 शहरों में 20% कम दरें रहेंगी। नॉन-एनएबीएच अस्पतालों को बेस रेट से 15% कम भुगतान मिलेगा, जबकि 200 से अधिक बेड वाले सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों को 15% अधिक रेट दिया जाएगा। इस संरचना से सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगी और अस्पताल — तीनों को संतुलित लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष
सरकार का यह कदम न सिर्फ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी राहत है, बल्कि निजी अस्पतालों के लिए भी पारदर्शी व्यवस्था की दिशा में बड़ा सुधार है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और मरीजों को अब बेझिझक कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। यह फैसला सरकार की उस मंशा को भी दिखाता है कि वह अपने कर्मचारियों के हितों को प्राथमिकता देती है।
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