UP DA Hike 2025: दिवाली से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है। राज्य के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक साथ दोहरी सौगात मिली है — बोनस और महंगाई भत्ता (DA) दोनों में बढ़ोतरी का ऐलान। इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है।
दिवाली बोनस से कर्मचारियों में खुशी की लहर
राज्य सरकार ने इस साल लगभग 15 लाख कर्मचारियों को दीपावली से पहले बोनस देने का निर्णय लिया है। वित्त विभाग की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक, पात्र कर्मचारियों को अधिकतम ₹6,908 रुपये तक का बोनस मिलेगा। इस निर्णय से राज्य निधि से वेतन पाने वाले शिक्षक, प्राविधिक शिक्षण संस्थानों के स्टाफ, स्थानीय निकायों और जिला पंचायत के कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
यह बोनस दीपावली से पहले कर्मचारियों के खाते में पहुंचने की उम्मीद है, जिससे त्योहार की रौनक और भी बढ़ जाएगी। सरकार का यह कदम प्रशासनिक कार्यक्षमता को भी बढ़ावा देगा, क्योंकि कर्मचारियों में आर्थिक राहत मिलने से कार्य के प्रति उत्साह बढ़ता है।
डीए में 3% की बढ़ोतरी का ऐलान
बोनस के साथ ही सरकार ने महंगाई भत्ता (DA) में भी 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है। अब राज्य कर्मचारियों को 55 प्रतिशत की बजाय 58 प्रतिशत डीए मिलेगा। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने भी अपने कर्मचारियों के लिए डीए में यही बढ़ोतरी की थी, जिसके अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार ने भी यह फैसला लिया है।
इस निर्णय से राज्य के लगभग सभी श्रेणियों के कर्मचारियों और पेंशनर्स को प्रत्यक्ष लाभ होगा। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी के साथ-साथ उनकी क्रय शक्ति को भी मजबूत करेगी।
सैलरी और पेंशन पर होगा सीधा असर
अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹18,000 रुपये है, तो उसे अब लगभग ₹540 रुपये प्रति माह का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इसी तरह, पेंशनर्स को भी उनके पेंशन अमाउंट पर 3% की बढ़ोतरी मिलेगी। यह फैसला न केवल कर्मचारियों के लिए आर्थिक राहत लेकर आया है, बल्कि इससे उपभोग बाजार में भी सकारात्मक असर पड़ेगा, क्योंकि त्योहार के समय लोगों की क्रय शक्ति बढ़ जाएगी।
निष्कर्ष
दीपावली के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य कर्मचारियों के लिए बड़ा तोहफा साबित हुआ है। बोनस और डीए दोनों में बढ़ोतरी से न केवल कर्मचारियों की जेब भरी है, बल्कि उनके मनोबल में भी वृद्धि हुई है। इससे सरकार और कर्मचारियों के बीच भरोसे का रिश्ता और मजबूत होगा। यह कदम प्रशासनिक सुधार और आर्थिक स्थिरता दोनों की दिशा में एक सराहनीय पहल है।


