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अब ₹25,000 सैलरी तक मिलेगी पेंशन – EPFO का बड़ा फैसला, करोड़ों कर्मचारियों को राहत EPFO pension increase Latest News

Published On: October 21, 2025
Employee Pension Scheme update
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EPFO pension increase Latest Newsnews: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने देश के लाखों नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बड़ा तोहफ़ा दिया है। लंबे समय से चल रही मांग के बाद सरकार ने पेंशन योजना के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए पेंशन योग्य वेतन की सीमा ₹15,000 से बढ़ाकर ₹25,000 कर दी है। यह फैसला दिवाली 2025 से पहले लागू किया गया है और इससे करोड़ों कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा।

नया नियम क्या कहता है?

पहले EPS (Employees’ Pension Scheme) के तहत पेंशन की गणना ₹15,000 की सीमा पर आधारित थी। यानी यदि किसी कर्मचारी की सैलरी इससे अधिक भी होती, तो भी उसकी पेंशन ₹15,000 के आधार पर तय होती थी। लेकिन अब नई सीमा ₹25,000 कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि ज्यादा वेतन पाने वाले कर्मचारी भी पेंशन के लिए अधिक राशि के पात्र बन जाएंगे। यह बदलाव 2014 के बाद पहली बार हुआ है और इसे एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

कर्मचारियों को कैसे मिलेगा फायदा?

नए नियम के तहत EPS में जमा होने वाली राशि भी बढ़ जाएगी। अभी तक कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते (DA) का 12% प्रोविडेंट फंड में जमा होता है। इसमें से 8.33% हिस्सा पेंशन स्कीम में और बाकी 3.67% पीएफ खाते में जाता है। पहले जहां ₹15,000 के हिसाब से हर महीने ₹1,250 पेंशन फंड में जाते थे, वहीं अब ₹25,000 के 8.33% यानी लगभग ₹2,083 जमा होंगे। इससे रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन की राशि में बड़ा अंतर आएगा।

पेंशन कितनी बढ़ेगी?

EPFO के फार्मूले के अनुसार पेंशन की गणना इस तरह होती है:
(पेंशन योग्य वेतन × नौकरी के वर्ष) ÷ 70

उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति ने 30 वर्ष तक सेवा की है, तो:

  • पुराने नियम के तहत: (₹15,000 × 30) ÷ 70 = ₹6,428 प्रति माह
  • नए नियम के तहत: (₹25,000 × 30) ÷ 70 = ₹10,714 प्रति माह

यानी अब कर्मचारियों की मासिक पेंशन में करीब ₹4,300 तक की बढ़ोतरी संभव है।

PF बैलेंस पर असर

हालांकि कंपनी का कुल योगदान 12% ही रहेगा, लेकिन अब उसका बड़ा हिस्सा EPS (पेंशन फंड) में जाएगा। इससे PF खाते में थोड़ी कम रकम जमा होगी, परंतु सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली पेंशन काफी बढ़ जाएगी। यानी अल्पकालिक बचत थोड़ी घटेगी, लेकिन दीर्घकालिक सुरक्षा कहीं ज्यादा मजबूत होगी।

निष्कर्ष

EPFO का यह फैसला न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को स्थिर करेगा बल्कि रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को भी सुरक्षित बनाएगा। यह कदम कर्मचारियों के भविष्य को ध्यान में रखकर उठाया गया है और इसे एक ‘लाइफटाइम बेनिफिट’ कहा जा सकता है। आने वाले समय में इससे करोड़ों परिवारों को आर्थिक राहत और भरोसा मिलेगा।

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