UP ECCE Educator Vacancy 2025: उत्तर प्रदेश में छोटे बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल की गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्यभर की आंगनवाड़ी बालवाटिकाओं में ईसीसीई (ECCE) एजुकेटर की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस योजना के तहत लगभग 8800 नए शिक्षकों की तैनाती की जाएगी, जिससे तीन से छह वर्ष के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण प्रारंभिक शिक्षा मिल सकेगी।
आंगनवाड़ी शिक्षा में बड़ा कदम
राज्य सरकार का लक्ष्य है कि प्रारंभिक स्तर पर बच्चों को ऐसी शिक्षा दी जाए जो उनके मानसिक और सामाजिक विकास की मजबूत नींव रखे। इस पहल के तहत वे आंगनवाड़ी केंद्र चुने गए हैं जो प्राथमिक या कंपोजिट विद्यालयों से जुड़े हुए हैं। पहले चरण में 10,000 से अधिक पदों की नियुक्ति प्रक्रिया पहले से जारी थी, जबकि अब दूसरे चरण में 8800 नए पदों के लिए आवेदन शुरू किए गए हैं।
कानपुर देहात, अंबेडकर नगर और चित्रकूट जैसे जिलों के लिए आधिकारिक अधिसूचनाएं जारी कर दी गई हैं। उदाहरण के तौर पर, कानपुर देहात में 143, अंबेडकर नगर में 141 और चित्रकूट में 57 पदों पर नियुक्ति की जाएगी।
योग्यता और पात्रता मानक
ईसीसीई शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों के पास गृह विज्ञान में स्नातक डिग्री (50% अंकों के साथ) होना आवश्यक है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 45% अंकों के साथ छूट दी जाएगी। अगर किसी अभ्यर्थी के पास गृह विज्ञान में डिग्री नहीं है, तो वह एनटीटी, डीपीएसई या एनसीटीई से मान्यता प्राप्त नर्सरी शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स के माध्यम से भी पात्र हो सकता है।
आयु सीमा 21 से 40 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है, जिसकी गणना 1 जुलाई 2024 के आधार पर होगी।
मानदेय और सेवा शर्तें
इन पदों पर नियुक्ति आउटसोर्सिंग व्यवस्था के तहत होगी। प्रारंभिक अवधि एक वर्ष की होगी, जिसे बेहतर प्रदर्शन के आधार पर आगे बढ़ाया जा सकता है। फिलहाल शिक्षकों को ₹10,313 मासिक मानदेय दिया जाएगा, जिसमें भविष्य निधि अंशदान (13%) शामिल है। भविष्य में वेतन में बढ़ोतरी की संभावना भी जताई गई है।
आवेदन की प्रक्रिया
रुचि रखने वाले उम्मीदवारों को उत्तर प्रदेश सेवायोजन पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होगा। सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करने के बाद अभ्यर्थी आवेदन कर सकेंगे। चयन मेरिट सूची के आधार पर होगा — इसमें न परीक्षा होगी न साक्षात्कार।
अभ्यर्थियों को अपने संबंधित जिलों की आधिकारिक अधिसूचना ध्यानपूर्वक पढ़नी चाहिए ताकि वे समय पर आवेदन कर सकें।
राज्य के युवाओं के लिए बड़ा अवसर
यह योजना न केवल बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य के हजारों युवाओं के लिए रोजगार का अवसर भी लेकर आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता को नई दिशा देगा और बालवाटिका व्यवस्था को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
निष्कर्ष:
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल आंगनवाड़ी शिक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक कदम है। इससे छोटे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलेगी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। यह कदम राज्य की शिक्षा नीति को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।